मनोहर सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगातें, ऐसे मिलेगा ब्याज रहित कर्ज, पढ़ें- अनेक योजनाएं

 


मनोहर सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगातें, ऐसे मिलेगा ब्याज रहित कर्ज, पढ़ें- अनेक योजनाएं



सार



  • प्राकृतिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा, किसानों के लिए अनेक योजनाएं।

  • सीएम ने 12 प्रमुख योजनाओं का बजट भाषण में किया जिक्र।



 

विस्तार


हरियाणा के अन्नदाता को मनोहर सरकार ने अपने पाले में लाने के लिए कसरत शुरू कर दी है। 2020-21 के बजट में किसानों के लिए अनेक घोषणाएं हुई हैं। इसे 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही नाराज अन्नदाता को मनाने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है। फसलों की ज्यादा पैदावार के लिए सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही जहरीली होती खेती को बचाने व जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने प्राकृतिक व अल्प बजट खेती की ओर कदम बढ़ाए हैं। 
 

अल्प बजट व प्राकृतिक खेती का मूलमंत्र गुजरात के राज्यपाल व हरियाणा में गुरुकुल के संचालक आचार्य देवव्रत का दिया हुआ है। जिस पर सरकार ने कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। कृषि व किसान कल्याण से जुड़ी गतिविधियों के लिए सरकार ने कुल 6481.48 करोड़ का बजट रखा है। ये 2019-20 के बजट से 5230.54 करोड़ रुपये की तुलना में 23.92 प्रतिशत ज्यादा है। 

इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 3364.90 करोड़, पशुपालन के लिए 1157.41 करोड़, बागवानी के लिए 492.82 करोड़ और मत्स्य पालन के लिए 122.42 करोड़ रुपये शामिल है। किसानों की आय दोगुना करने के लिए मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार ने वर्ष 2020-21 में 55 हजार एकड़ में मत्स्य पालन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

सिंचाई के लिए नहीं बजट की कमी
सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार ने खूब बजट दिया है। उन्होंने वर्ष 2020-21 में सिंचाई व जल संसाधन विभाग के लिए 4960.48 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। ये वर्ष 2019-20 के संशोधित बजट अनुमान 2994.63 करोड रुपये से 65.65 प्रतिशत अधिक है।


ग्रामीण विकास के बजट में भी इजाफा



सरकार ने ग्रामीण विकास को भी खासा तवज्जो दी है। इस बार 6294.79 करोड़ रुपये का बजट इसके लिए रखा गया है। ये 2019-20 के संशोधित बजट अनुमान 5164. 36 करोड़ की तुलना में 21.89 फीसदी अधिक है। विकास एवं पंचायत विभाग को अगले से भी बजट दिया है।

बजट से गांव, गरीब, किसान का होगा भला: दुष्यंत
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बजट को गांव, गरीब व किसान हितैषी बताया है। उन्होंने कहा कि इससे तीनों वर्गों की समस्याएं दूर होंगी। हरियाणा की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है। सीएम ने बजट में हर वर्ग को कुछ न कुछ दिया है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि सरकार सही दिशा में जा रही है। कृषि, किसान कल्याण व सिंचाई विभाग के लिए दिल खोलकर बजट आवंटित कर सीएम इन किसानों का हितैषी होने का परिचय दिया है।

कृषि क्षेत्र के लिए ये भी प्रावधान


  • फसल बीमा योजना किसानों के लिए अब स्वैच्छिक।

  • 2020-21 में कृषि व किसान कल्याण विभाग के प्रत्येक खंड कार्यालय में फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपलब्ध रहेंगे।

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भविष्य में ट्रस्ट मॉडल की रूपरेखा पर चलाने पर भी विचार।

  • मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत भी फसल बीमा प्रीमियम का भुगतान करने का प्रावधान।

  • अटल भूजल योजना को पानी की कमी वाले 36 खंडों में सुचारू रूप से चलाने के लिए कानूनी ढांचा बनेगा।


 


  • सॉयल हेल्थ कार्ड को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा।

  • 11 लाख एकड़ भूमि लवणीय व जलभराव की समस्या से प्रभावित, 2020-21 में एक लाख एकड़ भूमि को सुधारने का लक्ष्य। मिशन मोड में पीपीपी के तहत बढ़ावा देंगे।

  • अगले महीने अल्प बजट प्राकृतिक खेती पर राज्यस्तरीय कार्यशाला।

  • गोदामों में चोरी रोकने के लिए भण्डारण निगम, हैफेड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सभी गोदामों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस वर्ष 52 गोदामों में कैमरे लगाने का लक्ष्य।

  • फसल विविधिकरण को अपनाने वाले किसान मास्टर ट्रेनर के रूप में चयनित किए जाएंगे।

  • एक किसान दूसरे किसानों के कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, रोटावेटर, कंबाइन हारवेस्टर इत्यादि का उपयोग कर सके, इसके लिए किसान कल्याण प्राधिकरण एक मोबाइल ऐप बनाएगा।

  • विद्यालयों और महाविद्यालयों के विज्ञान के विद्यार्थियों को मिट्टी व जल परीक्षण के लिए प्रशिक्षित करेंगे, उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा, वे प्राध्यापक की देख-रेख में मिट्टी व जल परीक्षण का काम एक प्रमाणित व्यवसायी के रूप में कर सकेंगे।

  • सभी पात्र छोटे व सीमांत किसानों को मशीनों व कृषि यंत्रों पर अनुदान बिना लाटरी के।




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ग्रामीण विकास के ब